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वृक्ष धूप, शीत सहते रहते हैं, पर दूसरों को छाया, लकड़ी और फल-
फूल बिना किसी प्रतिफल की आशा के मनुष्यों से लेकर पशु
पक्षियों तक को बाँटते रहते हैं। क्या तुम इतना भी नहीं कर सकते
बुद्धिमानी की निशानी उपलब्ध साधन और समय का श्रेष्ठतम उपयोग
करना है।
By Pandit Shriram Sharma Acharya |
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